उन्हें,
ऐसी बीवी की तलाश थी,
शिक्षित भी हो
गृह कार्य में दक्ष हो
बहुत तलाशा
मगर कहीं फिट
नहीं पाशा,
अचानक कहीं से
एक प्रस्ताव आया
तत्काल वहां जाने का
प्रोग्राम बनाया
देखते ही लड़की भा गई
इतने में ही
लड़की की माँ आ गई
बोलीं
घर का सब काम काज कर लेती है,
पढाया भी काफी है,
रामायण पढ़ कर,
महाभारत कर लेती है । -विजय गुप्ता 'अभय'
जमाना
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इस ज़माने को मैं कैसे जमाना कह दूँ
जमाना तो वो था जिसमे हम जवान हुए
वो मीठे बोल में छुपी शरारतें और वो सुहावनी रातें
वो चाँद की ही गोद थी जिसमे हम जवान ...
12 वर्ष पहले